Chili Mirchi ki kheti kaise karen

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मिर्ची की खेती कैसे करें ?   Whatsapp 9814388969
मिर्ची की फसल नमी के मौसम मैं अच्छी होती है। मिर्ची की खेती के लिए 130 से 150 दिन तक कोहरा रहित मौसम और 15 से 35 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान अच्छा रहता है।  आम तौर पर मिर्ची पे 30 डिग्री से ऊपर फल नहीं बनता और 40 डिग्री से ज्यादा हो तो फल बहुत काम लगता  है।  और फल गिर जाता है।  खुश्क हवा मैं और  भी समस्या बढ़ जाती है।  मिर्ची की फसक माधयम ज़मीन मैं होती है।  और ये एक दिन से ज्यादा पानी सेहन नहीं कर सकती। इसके लिए 6.5 PH तक बढ़िया  है लेकिन 5.0  से 8.0 PH तक भी फसक माध्यम तरीके से निकलती है।
उन्नत हाइब्रिड किस्मे :-
चिली हाइब्रिड 1 (CH 1 ) :-इस  फसल को रोग कम लगते हैं।  ये फसल सलाड और सुखाने के लिए अच्छी है। लाल मिर्ची की  फसल एक सो क्वेंटल /एकर होता है।  और  पैकिंग के लिए भी अच्छी  है।
चिली हाइब्रिड 3 (CH 3 )
ये कम कड़वी होती है और इसमें विटामिन  बहुत मात्र  मैं होता  है।  और एक सो दस क्वेंटल /एकर  फसल होती है।
पंजाब सुर्ख :- इसकी पैदावार 80 क्वेंटल /एकर होती है। इसको विषाणु रोग नहीं लगता।
पंजाब गुच्छेदार :- ये  किस्म इण्डोनेशिआ से ली गई है। ये किस्म पैकिंग के लिए अच्छी है। और ये  कड़वी भी है। ये पछेती  पैदावार है और  इसका झड़  साथ क्वेंटल /एकर  है।
बिजाई के ढंग :-

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एक एकर की पौध तैयार करने के लिए दो सौ ग्राम बीज काफी है।  एक मार्ले की कियारी या पचीस वर्ग मीटर एक एकर  की बिजाई के लिए  काफी है। सीधी बिजाई चुटकी वाली के लिए एक किलो बीज लगाएं।
पौध लगाने  का तरीका :- मिर्ची का बीज उची केयरी मैं बीजा  जाता है।  इसलिए स्व मीटर चौड़ाई की कियारी  जो ज़मीन से पन्द्र सेंटीमीटर ऊँची हो बना  लेनी चाहिए। ज़मीन को फार्मलीन दवाई दो परसेंट ताकत का घोल बना के शोध  लें।  इसके लिए  बीस  मिली लीटर दवाई एक लिटिर मैं दाल लें। और और दो मीटर की जगह पे छिड़कें।  और ४  दिन  के लिए  धक दें उसके बाद मिटी को पोला करें
पौध बीजने का समय :-                                           पौध लगाने का समय :-

आखिर नवंबर   या  स्टार्ट फरबरी                             मध्य फरबरी  या आखिर   अप्रैल

फासला :-  बूटे का फासला   75     सेंटीमीटर के फासले से  लगाएं  लाइन का फासला  60     सेंटीमीटर रखें।
खाद :- दस से पन्द्र टन गोबर की खाद /एकर मैं डालें।  एक एकर मैं पचीस किलो न्यट्रोजन  पचपन किलो यूरिया , बारह किलो फारस्फोर्स     75   किलो सुपर फास्फेट और बारह किलो पोटास डालें।
सिंचाई :- पहला पानी पौध लगाने के तुरंत बाद दें।  गर्मी मैं सात से दस दिन बाद सिंचाई करें। ये जियादा  नमी और पानी सेहन नहीं करती। टोटल पद्रह से सोलन पानी  की जरूरत  होती है।  अगर खेत मैं।  धानki परली काट कर पचीस  क्वेंटल /एकर डाली हो तो आठ पानी काफी हैं और खरपतवार से भी निजात मिलेगी।

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