Turmeric Haldi Ki Kheti kaise karen

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haldi ki kheti
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हल्दी की खेती कैसे करें ?

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हल्दी एक गांठ वाली फसल है।  ये मसाले के और दवाई  मैं भी  पाई जाती है।  और इसका तेल भी इस्तेमाल होता है।
मौसम और ज़मीन :-
इसके लिए  गर्म और नमी वाली ज़मीन ठीक रहती है। सिंचाई वाले इलाके मैं इसकी सिफारिश की जानती है। वैसे तो हल्दी हर प्रक्रार की ज़मीन मैं हो जाती है लेकिन मध्यम से  भारी ज़मीन अच्छी रहती है।
लगाने के ढंग :-
ज़मीन की तैयारी :-
ज़मीन को अच्छी तरह से  बना  लेना  चाहिए। ज़मीन मैं पिछली फसल के घास फूस बिलकुल नहीं होना चाहिए।
बीज की मात्रा :- साफ़ और एक  ही साइज की ६ से ८ क्वेंटल रोग रहित एक एकर  के लिए काफी हैं

बिजाई का समय :-

अच्छी फसल  लेने  के  लिए अप्रैल महीने मैं गांठ ली बिजाई करें।  नीम पहाड़ी इलाकों मैं इसको बिजाई एक सप्ताह बाद मैं भी कर  सकते हैं।  इसकी बिजाई पौध से भी ली जा  सकती है।  ये काम जून से  पहले निपटा लेना चाहिए।  इसके लिए गांठ की बिजाई थोड़े फर्क से करें और हरी हुई गांठों को 35 or 40 दिन मैं खेत मैं लगा देना चाहिए।
बिजाई का ढंग :-

हल्दी को लाइन मैं डाउलो पर लगा दें इस से गांठ मोटी होती है।  हाथ से पैंतालीस और मशीन से साठ सेंटीमीटर फासला रखें।  बूटे से बूटा पन्द्र सेंटीमीटर दूर होना चाहिए। पहली सिंचाई के बाद खेत को  दो टन /एकर के हिसाब से ढक दे।  खेत को गांठ हरी होने तक गीला रखें।

खाद कैसे डालें :-

हल्दी के लिए गोबर सबसे बढ़िया  है।  दस टन /एकर डालनी चाहिए। हल्दी को न्यट्रोजन की खास जरूरत नहीं होती लेनिक बिजाई के समय  दस किलो पोटाश और दस किलो फ़ॉस्फ़ोरस खाद पोर दें।
सिंचाई :- हल्दी को हरा होने के लिए बहुत समय चाहिए।  इसी लिए खेत मैं पतला – पतला पानी लगते रहें।  इसको दस से पंद्रह पानी लग  जाते हैं।  खरपतवार (नदीन) से बचने के लिए  एक दोbar गुड़ाई कर देनी चाहिए।
हल्दी की खुदाई :-

जब हल्दी के पत्ते  पीले हो  कर सूख  जाएँ तो समझ  ले की ये खुदाई के लिए तैयार है।  ये आम तोर पर नवंबर दिसंबर मन तैयार हो जाती है।
हल्दी की किस्मे :-
पंजाब हल्दी 1 (2008 ):- इसका रंग भूरा होता है और गांठ लम्बी और मोटी  होती है। अंदर से पूरा पीला होता है।  ये  किस्म २०० से २२० दिन मैं तैयार हो जाती है। और १२२ क्विन्टल / एकर झाड़ देती है।

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